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गणतन्त्र दिवस स्पीच – 26 January Republic Day Speech in Hindi




  • गणतंत्र दिवस भारत के लिए एक बहुत हीं महत्वपूर्ण दिन है. गणतन्त्र का अर्थ होता है, जनता का जनता के द्वारा जनता के लिये शासन. गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था. 26 जनवरी 1930 को रावी नदी के तट पर स्वतन्त्रता सेनानियों ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की थी.
    जब 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाघ की घटना हुई तो इस घटना ने ही भगत सिंह और उधम सिंह जैसे क्रांतिकारियों को जन्म दिया. क्योंकि यह घटना बहुत ही दुखदायी घटना थी इसमें जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फ़ौज ने बूढे ,बच्चों, महिलाओं, सहित सब लोगो को मार डाला था. इस घटना के बाद सभी का दिल आजादी की आग से जलने लगा था सब लोग भारत की आजादी के लिए बलिदान देने को तैयार थे.
    26 जनवरी के दिन ही 1930 में स्वतन्त्रता सेनानियों यह प्रतिज्ञा ली कि जब तक भारत पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो जाता यह आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा. और सभी स्वतन्त्रता सेनानी 26 जनवरी 1930 से 26 जनवरी को प्रति वर्ष स्वतन्त्रता दिवस मनाने लगे, जबतक कि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद नहीं हो गया. देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को हमारा देश भारत लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो भारत पर अब खुद का राज था. और अब भारत पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं कर सकती थी.
    भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बड़ा संविधान है. संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे. डॉ.भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान समिति की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे.
    26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया जाता है. राष्ट्रीय गान गाया जाता है, फिर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. फिर राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान जैसे अशोक चक्र और कीर्ति चक्र दिए जाते हैं और देश भर से चुने हुए बच्चों को बहादुरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं.  दिल्ली के राजधानी होने और दूसरे राष्ट्रपति का निवास यहीं पर होने के कारण केन्द्रीय स्तर पर यह पर्व यहीं दिल्ली में ही मनाया जाता है. 26 जनवरी के दिन ही गवर्नर जनरल की जगह डॉ राजेंद्र प्रसाद हमारे देश के राष्ट्रपति बने थे. तब से इसी दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है. 26 जनवरी के दिन जल सेना, वायु सेना, और थल सेना टुकड़ियों में रैली करती हुई लाल किले तक पहुँचती है.  परेड में सबसे अलग दिखने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान जो कैमल की सवारी लेकर परेड में हिस्सा लेते है, जो की पुरे वर्ल्ड में 1 ही ऐसी सुरक्षा बल है ! भिन्न भिन्न प्रान्तों से आये नर्तक अपने अपने प्रान्तों की वेशभूषा में अपने कार्यक्रम को प्रस्तुत करते हैं. और अनेक प्रकार की झांकियो द्वारा अपने देश की कला को प्रदर्शित करते हैं. और इसके साथ ही भारत की वायुसेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के तीनो रंगो की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है और इसके साथ ही शांति को प्रदर्शित करने के लिए रंग बिरंगे गुब्बारे छोड़े जाते हैं. 26 जनवरी की शाम को आतिशबाजी की जाती है. रात के समय सरकारी भवन पर बहुत ही रौनक होती है. देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके,  भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी.
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